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We may live without poetary, music and art; We may live without conscience, and live without heart; We may live without friends, We may live without books; But civilized man can not live without cooks. So Come Here and Have a Look, Try These Recipes and Be a Cook.
3 comments:
बड़ा बढ़िया गीत लिखा है आपने तो! बधाई!
रत्ना जी, सूखे पर लिखी आपकी कविता बहुत सुंदर लगी. हम कहेंगे इतना ही:-
जब जब जीवन गीत मे
भैरव राग छिड़ जाएगा
रुखे मन और सूखे नयनों से
व्यथा-नीर बह जाएगा...!!!
शुभकामनाएं
-रेणु आहूजा.
धन्यवाद रेणू जी, राग का सुर मधुर है।
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