जगदीश भाई के आईने ने जब हमें दिखाया कि हम कौन से नम्बर के मेहमान है तो हम शर्म से पानी पानी हो गए। जी नहीं, उनके आइने में झांकने वाले हम 420 नम्बर के मेहमान नहीं थे, शर्मिन्दा तो हम 'मेहमान' शब्द पढ़ कर हुए थे क्योंकि जहां यह उनकी सुरुचि दिखा रहा था, वहीं हमारे बेढब तौर तरीके की ओर भी इशारा कर रहा था। इतने दिनों से हमारी रसोई में ढेरों मेहमान आ रहे है और हम उन्हें केवल ख्यालों के पुलाव पर टरका रहे है। कितने बेचारे अच्छे भोजन की आशा लिए व्यंजनों की तलाश में आए होगें और हमने उन्हें विचारों के मलवे से पटी वाक्यों की गलियों मे घुमा कर,थका कर,हंफा कर विदा कर दिया। धिक्कार है हम पर और हमारी रसोई पर। अरे! कुछ खिला नहीं सकते थे पर कम से कम अच्छे व्यंजनों की विधियां तो परोस ही सकते थे। उन्ही की महक से मुँह में आई लार से ज़रा गला तर और मन प्रसन्न हो जाता। हमने तो नारी के नाम पर ही बट्टा लगा दिया। अब कोई जीतू भाई, अनूप भाई, सागर भाई, संजय भाई, तरुण भाई ,समीर भाीई की तरह हमें भी रत्ना भाई कह जाए तो इसमें उसकी क्या गल्ती। ऐसा व्यवहार आमतौर पर पुरषों से आपेक्षित होता है। नारी जाति का तो मूल-मन्त्र ही पेट के ज़रिए दिल तक पहुंचने का है। मेहमान-नवाज़ी के गुर उन्हें घुट्टी में पिलाए जाते है। और हम नारी होकर भी अतिथी-सत्कार से चूक गए। ठीक कहता है टी.वी वाला कि भारतीए 'अतिथी देवो भव:' की सीख को भूल गए है। परन्तु देखा जाए तो इसमें हमारा कोई कसूर नहीं है, आप लोगों की संगत में हमें इतनी बातें याद आने लगी कि हम शब्दों के माया-जाल में उलझ कर रह गए। पर आगे से ऐसा नहीं होगा,हम तौबा करते है। आज से ही अपनी ब्लाग-स्पाट वाली पुरानी रसोई को नव-निर्मित कर वहां से सरल और उत्तम व्यंजन-विधियों की टिफिन सर्विस शुरू करते है। अलग स्थान से इस सेवा को आरम्भ करने का मंतव्य केवल यह है कि आप तक उत्तम क्वालिटी का सामान पहुंचे और विचारों के व्यंजनों में लगाई गई कभी हास्य और कभी वेदना की छोंक की छींटें असली पकवानों को दूषित न कर पाए। आखिर आपकी पत्नियों और अपनी भाबियों की ओर हमारा भी तो कर्त्तव्य है। आप आइए, उन्हें बुलाइए और शुभारम्भ पर फ़ीरनी से मुँह मीठा कीजिए।---
Thursday, September 07, 2006
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2 comments:
यहां तो हम ही सिखेंगे फिरनी बनाना और आपकी भाभी को खिलायेंगे. :)
समीर लाल
आपके फाऊँ पकडते हैं, कुछ तो हमे भी सिखादो - यहां होटलों खा खाके तबियत खराब है :( ;) कम से कम दाल बनाना तो बताओ :-|
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